निवेश किया तो नातों में *प्रवेश* किया तो सद्गुणों में *समावेश* किया तो चित में करुणा का "निर्देश" दिए तो सदा सही बात के "क्लेश" नहीं किया कभी जीवन में "आवेश" में नहीं आई कभी,संयम सदा धारण किया चरित्र में "आदेश" दिए तो सत्य के सदा और परिचय क्या दूं तेरा????