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बता पार्थ तेरे कौन थे माधव( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

बता पार्थ! तेरे कौन थे माधव जो जीवन के कुरुक्षेत्र में तूने विजय पाई किसने ज्ञान दिया था तुझे गीता का जो कम उम्र में भी इतनी समझ आई *उम्र अनुभव का मोहताज नहीं* पूरी दुनिया को यह बात समझाई क्या कुछ नहीं कर सकते प्रयास?? प्रयासों से उपलब्धि तक जाने की राह दिखाई बता पार्थ तेरे कौन थे माधव जिसने जीवन रण की हर महाभारत में तुझको विजय दिलाई लक्ष्य को मिल ही जाती है सफलता ने गर मेहनत से ना हो आंख चुराई बता पार्थ! तेरे कौन थे माधव?? जीवन की धनुर्विद्या जिसने सिखाई कर्मों से लिखा जा सकता है भाग्य परिवेश,परवरिश की ना दी तूने कभी दुहाई हर सफर मंजिल की ओर जाता नहीं है पर मंजिल की ओर जाता तो कोई न कोई सफर ही है कर्म करने की महता माधव ने ही पार्थ तुझे सिखाई हर दुविधा को सुविधा कैसे जाता है बनाया बता पार्थ माधव ने कूटनीतिक समझ तुझ में कैसे पल्लवित कराई?? बता पार्थ तेरे कौन थे माधव जिसने मोहग्रस्त चित में सहज चेतना की लौ जलाई *जीवन एक रंगमंच है* और हम सारे किरदार ऊपर वाले के हाथ में *कठपुतली* हैं सब जानता था तूं ये पार्थ इस रंगमंच से हौले से कैसे चले जाते हैं  गुरु माधव की शिक्षा नीति त...