Skip to main content

Posts

Showing posts with the label आवागमन

Poem on Anju Kumar

आया है सो जाएगा भी आवागमन है दस्तूर ए जहान आगमन है इस जग में तो निश्चित भी है प्रस्थान आगमन और प्रस्थान के बीच का समय ही तो जिंदगी है मुझे तो यही आता है समझ विज्ञान जिंदगी लंबी भले ही ना थी तेरी  पर बड़ी बहुत थी  जैसे नीचे धरा ऊपर अन्नत आसमान कह कर नहीं कर के मिलता है सम्मान बखूबी जानती थी यह सत्य देरी थी हर बात की ओर तूं ध्यान चित निर्मल चितवन भी चारु चित्र,चरित्र,चेष्टाएं भी अति खास तेरी,करती रही लोगों का कल्याण पल पल हर पल को जीया तूने बना ली एक अलग पहचान दिलों पर दस्तक, जेहन में बसेरा,चित में तेरे पक्के निशान दिल छूने वाली लाडो है तेरी दास्तां खुद मझधार में हो कर भी साहिल का पता बताती थी तूं, यूं हीं तो नहीं होते इतने किसी के कद्रदान छोटे बड़े का कभी भेद न जाना चाहा सबका बना रहे स्वाभिमान धरा सा धीरज उड़ान गगन सी छू ही लिया सपनों का आसमान कुशाग्र बुद्धि, नर्म स्वभाव,  कर्म का  किया सदा आह्वान आलस कभी ना देखा तुझ में अपनी उपलब्धियों से सबको कर दिया हैरान बहुत ऊंचा मकाम हासिल कर के भी नहीं किया कभी अभिमान तुझ जैसे लोग बार बार धरा पर नहीं बनाता भगवान एक मनोवैज्ञ...