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कुछ लोग जेहन में ऐसे बस जाते हैं

** जिन्हें ईश्वर खून के नाते में बांधना भूल जाता है उनको इस जीवन में सच्चा मित्र बनाता है** यूं तो मिलते तो बहुत हैं जिंदगी के सफर में लोग, कुछ भूल जाते हैं,कुछ याद रह जाते हैं पर कुछ लोग जेहन में सदा के लिए अंकित हो जाते हैं *इस फेरहिस्त में नाम सखी तेरा शीर्ष पर हम पाते हैं* *सावन भादों* से होते हैं कुछ लोग जिंदगी में, बेमौसम भी खुल कर बरस जाते हैं  सुकून भरी हरियाली से आच्छादित हो जाता है तन मन, चित चैन,राहत,खुशी मिल कर जिंदगी की चौखट पर दस्तक दे जाते हैं इस फेरहिस्त में नाम तेरा सखी शीर्ष पर हम पाते हैं कुछ लोग जेहन में ऐसे अंकित हो जाते हैं *जैसे बच्चे घर में घुसते ही मां को  आवाज लगाते हैं* मां भी दौड़ी आती है एक ही आहट पर, गोधूलि की बेला पर जैसे भानु धरा से मिलते नजर आते हैं **इस फेरहिस्त में नाम सखी तेरा शीर्ष पर हम पाते हैं** कुछ लोग जिंदगी में ऐसे घुल जाते हैं *जैसे शक्कर घुल जाती है पानी में, मिठास से संबंध को सींचे जाते...