कृष्ण कहते हैं ना रुकती है जिंदगी कभी किसी के लिए,ना करती है कभी किसी का इंतजार जो सुख में साथ दें वे रिश्ते कहलाते हैं जो दुख में साथ दें वे फरिश्ते बन जाते हैं सच्चे साथी दुख में भी संग खड़े रहते हैं कुछ करते हैं दरगुज़र कुछ करते हैं दरकिनार ना रुकती है जिंदगी......... जिस नाते में बार बार सफाई देनी की पड़ती है दरकार उस नाते में लगाव प्रेम शून्य हो जाता है प्रगाढ़ता उस नाते में जाती है हार इंसान बुरा बनने के लिए तब सच में हो जाता है मजबूर जब लोग उसकी अच्छाई का फायदा लगते हैं उठाने,अच्छाई से ही जाते हैं दूर