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जन्मदिन मुबारक ओजस्वी(( दुआ स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

जन्मदिन पर जन्म देने वाले मात पिता भी 
बधाई के होते हैं उतने ही हकदार
मानो चाहे ना मानो
हमारी जिंदगी के सही मायने में वही होते हैं शिल्पकार

बच्चे के जन्म के साथ जन्म देने वाले मात पिता का भी जन्म होता है
जिम्मेदारी संग वे ही देते हैं हमें अधिकार

मात पिता हैं तो
 जिंदगी हर मोड़ पर मुस्कुराती है
मात पिता हैं तो
 हर जिद्द बड़ी तमन्ना से पूरी हो जाती है

मात पिता हैं तो 
हम हक से रूठा करते हैं
मात पिता हैं तो 
सपने हकीकत से रूबरू हुआ करते हैं

मतभेद भले ही हो जाए पर मनभेद कभी मात पिता से नहीं होता
हमें हम से ज्यादा जानते हैं वे,
उनके बेहतर हमारा खैर ख्वाह कोई नहीं होता

बनते हैं जब हम मात पिता
उस समय हमें मात पिता की अहमियत समझ में आती है
जाने कितने ही पिछले जन्मों का
होता होगा यह नाता
मेरी समझ यही मुझे समझाती है

जो हमें पल भर भी दूसरे कमरे में
नहीं छोड़ते
उन्हें जिंदगी के किसी भी मोड पर छोड़ने की बात कहां से हमारे जेहन में आती है
मात पिता की दुआओं से बढ़ कर
जिंदगी में कोई सुखद अहसास नहीं होता
वे तो इस धरा पर हैं देहधारी विधाता हमारे लिए,
उनसे अधिक अच्छा सच में कोई नहीं होता

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