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Poem on bharat ki गौरव

*रच दिया बेटियों ने इतिहास*

धरा पर रह कर सच में छू लिया आकाश
तोड़ बेड़ियां, बढ़ी बेटियां,सच में रच दिया इतिहास

क्या कुछ नहीं कर सकते प्रयास???
आम को बना सकते हैं अति अति खास

अथक मेहनत से पल पल होता है विकास
युगों से बेड़ियों में जकड़ी मानसिकता को दे दिया खुला आकाश

*सपने वे हैं जो हमें सोने नहीं देते*
अब्दुल कलाम के इस कथन को कर सार्थक, किया चहुं ओर उजास

*बोझ नहीं शक्ति,संवेदना,अहसास हैं बेटियां*
जो ठान लिया,पूरा करने का करती भरसक प्रयास

वर्ल्ड कप ही नहीं जीती हैं बेटियां,जीती हैं हिम्मत,हौंसला,आत्मविश्वास

*संकल्प को मिला दिया सिद्धि से*
वांछित परिणामों का कर दिया शिलान्यास

बुलंद हौंसला,मजबूत इरादे ला गया जीवन में प्रकाश

जाने किन लम्हों में ठान लिया इन बेटियों ने
चूल्हा चौक्का नहीं चौक्के छक्के लगाएंगे
सदियों पुरानी मानसिकता की होलिका जलाएंगे
बेलन नहीं बल्ला घुमाएंगे
पूरे विश्व में विजय का डंका बजाएंगे
कोई बाधा न बन सकेगी बाधक
सफर को मंजिल से मिलाएंगे
घर में चाय का कप नहीं
वर्ल्ड कप लाएंगे
बाउंडेशन तोड़ नई फाउंडेशन रखेंगे और दुनिया को दिखाएंगे
उनकी इस सोच से घने तमस में दिखने लगा प्रकाश
धरा पर रह कर सच में बेटियों ने छू लिया आकाश

सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता
अथक प्रयास,टीम वर्क,सही दिशा,सोच का चित में हो वास 

संघर्षों से बिखरना नहीं निखरना सीखा इन बेटियों ने
कोच *अमोल मजूमदार" के मार्ग निर्देशन में रच दिया इतिहास
कहते थे जो क्रिकेट खेल नहीं बेटियों का,
आज उनकी उपलब्धि से
भ्रम का हो गया अहसास

जोश जज्बा और जुनून जीता है
जीता है बेटियों का अदम्य साहस और विश्वास

धरा पर रह कर सच छू लिया आकाश
जेंडर नहीं जीता,जीता है आत्म विश्वाश
जीती है बरसों की मेहनत,
सही मार्ग निर्देशन,प्रतिबद्धता,अनुशासन हर श्वास जैसे कर रहा हो विजय की अरदास

*सोच कर्म परिणाम की बहा दी त्रिवेणी*
सफलता को सहला गया
अभ्यास                 
स्नेह धवन              शाखा हिसार 1
                उच्चश्रेणीसहायक
​                वे क्रमांक 114206

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