हे प्रभु सुख देना तो इतना देना
चित में ना आए कभी अहंकार
दुख देना तो इतना ही देना
टूटे ना चित से कभी आस्था के तार
बदलेगी सोच तो खुल जायेंगे उज्जवल भविष्य के द्वार
नहीं तो दोहराई जाएगी बार बार वही पुरानी जिंदगी,
सद्गुणों में नहीं बदलेंगे विकार
ईश्वर के सिवाय कभी किसी भी अटूट भरोसे का न करो चित में संचार
नमक और चीनी देखने में एक जैसे लगते हैं पर दोनों के गुणों का विभिन्न होता आकार
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