बता पार्थ तेरे कौन थे माधव जो जीवन के कुरुक्षेत्र में तूने विजय पाई
किसने ज्ञान दिया था तुझे गीता का जो कम उम्र में भी इतनी समझ आई
उम्र अनुभव का मोहताज नहीं,
पूरी दुनिया को यह बात समझाई
क्या कुछ नहीं कर सकते प्रयास
प्रयासों से उपलब्धि तक जाने की राह दिखाई
लक्ष्य को मिल ही जाती है सफलता गर मेहनत से ना हो आंख चुराई
बता पार्थ तेरे कौन थे माधव
जीवन की धनुर्विद्या जिसने सिखाई
कर्मों से लिखा जा सकता है भाग्य परिवेश परवरिश की ना दी तूने कभी दुहाई
बता पार्थ तेरे कौन गुरु थे
जिसने गांडीव पर प्रत्यंचा चढ़ानी सिखाई
मुझे तो लगता है मां ही तेरी माधव थी मा जाई
मां की कर्मठता स्वाभाविक रूप से तेरे चरित्र में उतर आई
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